Last updated on April 8th, 2023 at 09:40 pm
यह सुनना आम बात नहीं है कि लोग धीमे मेटाबॉलिज्म पर अपने वजन बढ़ने का दोष लगाते हैं, क्यूंकि उन्होंने कैलोरी में कटौती की है और वे अधिक सक्रिय हैं, लेकिन वे अपना वजन कम नहीं कर पा रहे हैं। क्या इसका कारण मेटाबॉलिज्म/ चयापचय का धीमा होना है?
जी हां, जिसका मेटाबॉलिज्म फास्ट होगा और अच्छा होगा वो हमेशा फिट होता है और वो हैवी से हैवी खाना भी कुछ ही समय में पचा सकता है। लेकिन दूसरी ओर यदि किसी का मेटाबॉलिज्म स्लो है तो उसका खाना धीरे पचेगा। कहते हैं मोटापा कम के लिए मेटाबॉलिज्म को फास्ट करना होता है। इसके लिए लोग कई हथकंडे अपनाते हैं जिनमें से कई सफल हो जाते हैं और कई असफल।
इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप अपने मेटाबॉलिज्म को फास्ट कर सकते हैं। लेकिन उसके पहले आपको ये जानना जरूरी है कि मेटाबॉलिज्म आखिर होता क्या है और ये कैसे काम करता है।
Table of Contents
मेटाबॉलिज्म (चयापचय) क्या है? – What is Metabolism?
शरीर में हो रही रासायनिक प्रतिक्रियाओं को मेटाबॉलिज्म (चयापचय) कहा जाता है। ये रासायनिक प्रतिक्रिया खाने को ऊर्जा में बदलने का काम करती हैं। दरअसल, चयापचय शरीर में होने वाली लगभग हर गतिविधि के लिए जिम्मेदार होता है, जैसे:
- सांस लेना
- रक्त संचार
- शरीर के तापमान को नियंत्रित करना
- मांसपेशियों को सिकोड़ना
- भोजन और पोषक तत्वों को पचाना
- मूत्र और मल के माध्यम से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना
- मस्तिष्क और तंत्रिकाओं का सुचारु रूप से काम करना

कैसे मेटाबोलिज्म कार्य करता है
हार्मोन और तंत्रिका तंत्र हमारे चयापचय को नियंत्रित करते हैं। जब हम भोजन का उपभोग करते हैं, तो पाचन एंजाइम कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन को एक ऐसे रूप में तोड़ देते हैं जो शरीर विकास या ऊर्जा के लिए उपयोग कर सकता है।
चयापचय या मेटाबोलिज्म के दौरान, दो गतिविधियां एक ही समय में होती हैं – शरीर के ऊतकों का निर्माण और ऊर्जा का भंडारण, या एनाबोलिसिज़्म और अपचयवाद। चयापचय इन प्रक्रियाओं का एक संतुलित कार्य है:
- एनाबोलिज़्म (Anabolism) – प्रक्रिया जिसमें ऊर्जा का उपयोग नए कोशिकाओं के विकास के लिए और हमारे शरीर के ऊतकों को बनाए रखने के लिए किया जाता है, और ऊर्जा को वसा के रूप में संग्रहित किया जाता है
- अपचय (catabolism) – ऊर्जा-मुक्त प्रक्रिया जहां हमारे भोजन से बड़े अणु, जैसे कि कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन, शरीर के लिए तत्काल ऊर्जा प्रदान करने के लिए छोटे अणुओं में टूट जाते हैं। यह ऊर्जा शरीर को गर्म करने जैसी प्रक्रियाओं के लिए ईंधन प्रदान करती है और हमारी मांसपेशियों को स्थानांतरित करने की अनुमति देती है।
चयापचय दर के प्रकार – Types of Metabolic Rates
आपको एक दिन में कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसे ही शरीर की मेटाबॉलिज्म दर कहा जाता है।
1 बेसल मेटाबॉलिक रेट (बीएमआर) Basal metabolic rate (BMR): ये नींद या आराम के समय आपकी मेटाबॉलिक रेट होती है। यह आपके फेफड़ों को सांस लेने, हार्ट को पंप करने, मस्तिष्क को एक्टिव रखने और शरीर को गर्म रखने के लिए आवश्यक न्यूनतम मेटाबॉलिक रेट है।
2 रेस्टिंग मेटाबॉलिक रेट (आरएमआर) Resting metabolic rate (RMR): आराम करते समय आपको जीवित रखने और कार्य करने के लिए आवश्यक न्यूनतम मेटाबॉलिक रेट, रेस्टिंग मेटाबॉलिक रेट कहलाती है। कुल कैलोरी खपत खर्च का ये 50-75 प्रतिशत तक होती है।
3 भोजन का थर्मिक प्रभाव (टीईएफ) Thermic effect of food (TEF): आपके शरीर में भोजन को पचाने और प्रोसेस करने के दौरान कैलोरी बर्न हो जाती है वो भोजन का थर्मिक प्रभाव कहलाती है। TEF आमतौर पर आपके कुल एनर्जी खर्च का लगभग 10% होता है।
अपना बीएमआर कैसे चेक करें | How to check your BMR
बीएमआर की जांच करने का एक लोकप्रिय तरीका हैरिस-बेनेडिक्ट फॉर्मूला है, जो वजन, ऊंचाई, आयु और लिंग को ध्यान में रखता है।
औरत – Women:
BMR = 655 + (9.6 × वजन किलो में) + (1.8 × ऊंचाई सेमी में) – (4.7 × उम्र साल में)
पुरुष – Men:
BMR = 66 + (13.7 × वजन किलो में) + (5 × ऊंचाई सेमी में) – (6.8 × उम्र साल में)
प्रतिदिन कितनी कैलोरी चाहिये | How many calories you need everyday
यदि आपने हैरिस-बेनेडिक्ट फॉर्मूला का उपयोग करके अपने बीएमआर का अनुमान लगाया है, तो आपका अगला कदम आपकी जीवनशैली के आधार पर दैनिक गतिविधियों के दौरान आपके द्वारा खर्च की जाने वाली कैलोरी की संख्या को शामिल करना है:
- गतिहीन। Sedentary: यदि आप न्यूनतम या कोई व्यायाम नहीं करते हैं, तो अपने BMR को 1.2 से गुणा करें।
- कम सक्रिय। Lightly active: यदि आप सप्ताह में एक से तीन दिन हल्का व्यायाम करते हैं, तो अपने BMR को 1.375 से गुणा करें।
- मामूली सक्रिय। Moderately active: यदि आप सप्ताह में तीन से पांच दिन मध्यम व्यायाम करते हैं, तो अपने BMR को 1.55 से गुणा करें।
- बहुत सक्रिय। Very active: यदि आप सप्ताह में छह से सात दिन कठिन व्यायाम करते हैं, तो अपने BMR को 1.725 से गुणा करें।
- अति सक्रिय। Extra active: यदि आप सप्ताह में छह से सात दिन बहुत कठिन व्यायाम करते हैं या शारीरिक नौकरी करते हैं, तो अपने BMR को 1.9 से गुणा करें।
अंतिम संख्या लगभग आपके वजन को बनाए रखने के लिए आपको दैनिक आधार पर कितनी कैलोरी की आवश्यकता होती है। यह एक अनुमान है।
सभी के शरीर में मेटाबॉलिज्म दर विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जो इस प्रकार है:
- शरीर का आकार।
- शरीर में फैट की मात्रा।
- डाइटिंग करने से या भूखे रहने से मेटाबॉलिज्म दर कम हो सकती है।
- बढ़ती उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म दर कम हो सकती है।
- 30 की उम्र के बाद मांसपेशियां, लिवर, किडनी और दूसरे अंगों से कोशिकाएं कम होने लगती हैं। इस वजह से भी मेटाबॉलिज्म दर कम हो सकती है।
- महिलाओं के अपेक्षा पुरुषों की मेटाबॉलिज्म दर ज्यादा होती है।
- मेटाबॉलिज्म दर आनुवंशिक भी हो सकती है।
- बीमारी के दौरान शरीर को नए टिश्यू बनाने और रोगों से लड़ने के लिए ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है।
- यह दर शारीरिक गतिविधियों पर भी निर्भर करती है।
- कुछ प्रकार की दवाइयां, कैफीन और शरीर में निकोटीन की मात्रा।
- किसी पोषक तत्व की कमी।
- हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाली थायराइड की समस्या।
मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के तरीके | Increase Your Metabolism
ऊपर आपने जाना कि शरीर के लिए मेटाबॉलिज्म कितना जरूरी है। अगर यह ठीक नहीं रहा, तो उसका सीधा असर शरीर पर पड़ सकता है। अब नीचे मेटाबॉलिज्म ठीक करने के उपाय बता रहे हैं, जो आसान और असरदार साबित हो सकते हैं।
1 बॉडी को एक्टिव रखें
आपकी बॉडी के हर मूवमेंट को कैलोरी की आवश्यकता होती है, इसलिए आप जितने एक्टिव होंगे आपका मेटाबॉलिज्म उतना ही फास्ट होगा। यहां तक कि बहुत ही कॉमन एक्टिविटी जैसे- खड़े होना, घूमना या घर के काम को करने में भी कैलोरी बर्न होती है। मेटाबॉलिक रेट में यह वृद्धि तकनीकी रूप से नॉन एक्सरसाइज एक्टिविटी थर्मोजेनेसिस (एनईएटी) के रूप में जानी जाती है। यदि आपके पास डेस्क जॉब है, तो स्टैंडिंग डेस्क का उपयोग करके आप कैलोरी की संख्या 16% तक बढ़ा सकते हैं।
एक्टिव रखने के लिए ये भी करें :
- खड़ें रहने की कोशिश करें
- वॉक करें
- घर के काम करें
- सीढ़ियां उतरें
- कैलोरी फ्री च्विंगम चबाएं
2 स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength Training)
अपने मेटाबॉलिक रेट को तेज करने का ये एक और अच्छा तरीका है। एक्सरसाइज के डायरेक्ट इफेक्ट के अलावा, स्ट्रेन्थ वर्कआउट भी मसल्स मास की ग्रोथ में मदद करता है। आपको तो पता ही होगा आपके मसल्स की मात्रा सीधे आपके मेटाबॉलिक रेट के साथ जुड़ी हुई है, मतलब आपकी बॉडी में जितना मसल्स होगा आपका मेटाबॉलिज्म उतना ही फास्ट हो सकता है। फैट मॉस की अपेक्षा मसल्स मॉस से कैलोरी बर्न प्रोसेस हाई हो जाती है और आपका मेटाबॉलिज्म फास्ट हो जाता है। बढ़ती उम्र के साथ मसल्स लॉस होने लगता है और मेटाबॉलिक रेट कम होता जाता है, लेकिन रोजाना एक्सरसाइज इसको आंशिक रूप से प्रभावित कर सकती है।
3 प्रोटीन रिच फूड खाएं
प्रोटीन युक्त आहार लेने से अधिक समय तक भूख नहीं लगती है। इससे वजन को नियंत्रित करने के साथ मेटाबॉलिज्म के स्तर में सुधार हो सकता है। खाने से मिलने वाली ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत प्रोटीन होता है। इसके लिए आप दूध, दही, व्हे प्रोटीन, चिकन, मटन, अंडे, पनीर आदि खा सकते हैं।

4 हाई इंटेन्सिटी वर्कआउट करें (Do High-Intensity Workouts)
एक्सरसाइज के सबसे इफेक्टिव रूपों में हाई इंटेन्सिटी वर्कआउट भी है, जिसे हाई इंटेन्सिटी इंटरवल वर्कआउट (HIIT) के रूप में भी जाना जाता है। HIIT एक्सरसाइज में स्पीड और बहुत तेज एक्टिविटीज होती हैं, जैसे स्प्रिंट या तेज पुश-अप। वर्कआउट खत्म होने के बाद भी यह आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिसे “आफ्टरबर्न” कहा जाता है।
5 ताजे फल | Fresh Fruits
शोध के अनुसार, मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के आहार में ताजे फल शामिल करने के बहुत फायदे हैं। कुछ फलों में एंटी-ओबेसिटी गुण पाए जाते हैं, जो मोटापा कम करने में मदद करके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करते हैं। फलों में फाइबर और पानी की भरपूर मात्रा होती है, जिससे इन्हें पचाना आसान हो सकता है। अधिकांश फलों में फैट और कैलोरी की मात्रा कम होती है, लेकिन ये आसानी से पेट भर देते हैं । कुछ फलों में शुगर की मात्रा पाई जाती है, जिससे मधुमेह के बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, मधुमेह के मरीज फलों का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
6 कॉफी | Coffee
मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं, तो चाय की जगह कॉफी पीना फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, कॉफी शरीर के मेटाबॉलिज्म दर को बढ़ाकर फैट ऑक्सीकरण को बढ़ा सकती है। इसका मतलब यह है कि कॉफी ऑक्सीजन के साथ मिलकर खाने को ऊर्जा के रूप में बदलती है और उसे फैट के रूप में जमा होने से बचा सकती है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, अगर अधिक वजन वाले लोग सीमित मात्रा में कैफीन युक्त कॉफी का सेवन करते हैं, तो मोटापा कुछ हद तक कम हो सकता है।
7 ग्रीन टी | Green Tea
ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (epigallocatechin-3-gallate) नाम का एक तत्व पाया जाता है, जो मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करता है। इससे हृदय रोग और मधुमेह का जोखिम कम हो सकता है। इसके अलावा, ग्रीन टी मेटाबॉलिज्म पर भी असर करती है और यह ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में भी सुधार कर सकती है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिल सकता है। इसके अलावा, ग्रीन टी में एंटीओबेसिटी गुण मौजूद होते हैं, जो मोटापे की समस्या से भी बचाव कर सकते हैं।
8 नट्स | Nuts
एक शोध के अनुसार, मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करने वाले कारणों को कम करने में नट्स मदद कर सकते हैं, जैसे मेटाबोलिक सिंड्रोम और अधिक मोटापा। मेटाबोलिक सिंड्रोम से ह्रदय रोग, टाइप 2 मधुमेह व स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, जिससे मेटाबॉलिज्म दर कम हो सकती है। फिलहाल, इस पर अभी कम शोध हुए हैं कि नट्स के कौन से गुण लाभदायक हो सकते हैं।
9 फुल-फैट दही | Curd
दही में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो आंत के लिए अच्छे हो सकते हैं और बेहतर पाचन में सहायता कर सकते हैं। ये भूख को नियंत्रित करने के साथ ब्लड शुगर को भी संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, शरीर का वजन नियंत्रित करने, ऊर्जा संतुलन और टाइप 2 मधुमेह से निपटने के लिए दही की सहायता ले सकते हैं। मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के आहार में एक बाउल दही शामिल कर लें। दही का सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं। चाहें, तो बाजार से ग्रीक योगर्ट लाकर, उसका भी सेवन कर सकते हैं। नाश्ते में ग्रीक योगर्ट का सेवन करना ज्यादा लाभकारी हो सकता है।
10 डार्क चॉकलेट | Dark chocolate

मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के उपायों में से एक है डार्क चॉकलेट। एक शोध के अनुसार, 14 दिन तक रोज 40 ग्राम डार्क चॉकलेट का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म दर बेहतर हो सकती है। इसके गुण स्ट्रेस हार्मोन को नियंत्रित कर तनाव जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, डार्क चॉकलेट में कोको होता है, जिसमें एंटी-ओबेसिटी गुण होते हैं। इसलिए, यह मोटापे को कम करने में मदद कर सकती है। मधुमेह में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, डार्क चॉकलेट में मौजूद कोको में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा सकते हैं और टाइप 2 डायबिटीज से आराम पाने में लाभदायक हो सकते हैं।
11 सेब का सिरका | Apple Cider Vinegar
मेटाबॉलिज्म तेज करने के उपाय में सेब का सिरका लाभदायक साबित हो सकता है। सेब के सिरके में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से आराम दिला सकते हैं। साथ ही, इसका उपयोग मोटापे की वजह से होने वाले ह्रदय रोग से भी बचा सकता है। इतना ही नहीं, सेब के सिरके के सेवन से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में भी सहायता मिल सकती है। रोजाना खाने से पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पी सकते हैं। इसका सेवन दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं। अगर एसिडिटी की समस्या है, तो इसे प्रयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
आयुर्वेदिक काढ़ा घर पर बनाये और बढ़ाएं अपना मेटाबॉलिस्म
सामग्री:
दालचीनी- 1 स्टिक
काली मिर्च- एक चुटकी
अदरक- 1/2 चम्मच, कसा हुआ
दालचीनी, काली मिर्च और अदरक जैसी तीन सामग्रियों का उपयोग करके बनाया गया एक काढ़ा (concoction) आपके शरीर के चयापचय को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है। दालचीनी, काली मिर्च और अदरक चयापचय और पाचन में सुधार के लिए अच्छे हैं। दालचीनी शरीर में वसा के टूटने में सुधार करने में मदद करती है। जबकि, अदरक प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद करता है और मौसमी बदलाव में उतार-चढ़ाव के लक्षणों से लड़ने में मदद करता है।
विधि |
एक कटोरा लें और उसमें पानी डालें। इसे उबलने दें। |
एक बार जब पानी पर्याप्त रूप से उबल जाए, तो उसमें सभी सामग्री डालें और उनके स्वाद को पकने दें। |
बस आपको काढ़ा तैयार है। अच्छे नतीजों के लिए इसे दिन में दो बार पिएं। |
Q1: जन्म के समय ही मेटाबॉलिज्म व्यक्ति का तय हो जाता है।
Ans: कुछ हद तक सही है प्रत्येक व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म अंगुली के निशान जैसा अनूठा होता है। कुछ लोगों का मेटाबॉलिज्म तेज होता है जबकि कुछ का धीमा। चाहे यह तेज हो या धीमा इसका निर्धारण मेटाबॉलिक दर से होता है जिसे बेसल मेटाबॉलिक रेट या बीएमआर कहा जाता है जो कि कैलोरीज की वह मात्रा है जिसे व्यक्ति आराम करते समय जलाता है। भले ही जीन्स में मेटाबॉलिज्म की दर धीमी हो तब भी आप इसे बढ़ा सकते हैं। बीएमआर बढ़ाने के लिए वजन घटाने का प्रशिक्षण एक जरूरी रास्ता है। लेकिन एरोबिक गतिविधि से भी शरीर को कैलोरी जलाने में मदद मिलेगी।
Q2: कैफीन बेवरेज ग्रीन टी, कॉफी मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रखते हैं।
Ans: यह सही है। ग्रीन टी का एंटीऑक्सीडेंट और कैफीन कैलोरी बर्न करने की क्षमता बढ़ाती है। ग्रीन टी चुनते समय अधिक एंटीऑक्सीडेंट और कैफीन स्तर को ध्यान में रखें। यदि पहले ही कैफीन ले लिया है तो ग्रीन टी का प्रभाव सीमित रहने की संभावना है।
Q3: अधिक खाना एक साथ खाने से मेटाबॉलिज्म स्लो होता है।
Ans: कैलोरीज में अचानक बढ़ोत्तरी से अंततः शरीर पर मेहनत करने के लिए बोझ बढ़ जाएगा जिससे मेटाबॉलिज्म घट सकता है। मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा रास्ता दिन के दौरान अधिक गतिविधियों में खुद को लगाना है। यदि नियमित तौर पर अधिक खाना खा रहे हैं तो खाने की आदत पर नियंत्रण के लिए आहार विशेषज्ञ से परामर्श लें।
Q4: खाना स्किप करने से मेटाबॉलिज्म स्लो होता है।
Ans: जब कैलोरी की आवश्यक मात्रा से कम खाते हैं तो शरीर भुखमरी की स्थिति में जाकर अपने संसाधनों की रक्षा के लिए काम करता है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा होता है। पर्याप्त नींद लेना चाहिए। सुबह का नाश्ता नहीं छोड़ना चाहिए।
Disclaimer: यह सलाह केवल आपको सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए दी गई है। आप किसी भी चीज का सेवन या कोई भी घरेलू उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।