घर की जिमेदारियां निभाते निभाते ना साहब खुद की खुशी खुद के सपने तक भूलने पड़ते हैं ..!!व्यक्ति का नजरिया और बात करने का तरीका बताता है कि उसे संस्कार कैसे मिले हैं..!!
कपड़े तो ब्रांडेड खरीद सकते हैं लेकिन संस्कार किसी दुकान में नहीं मिलते..!!तेरा मेरा साथ दरिया के दो किनारे हैं पानी एक है मगर मिलते कभी नहीं..!!
भरोसा स्टिकर जैसा होता है जनाब दोबारा पहले जैसा नहीं लगता..!!जीवन को समझने के लिए पीछे मुड़कर देखें और जिंदगी जीने के लिए हमेशा आगे देखें..!!
आनंद लूट ले बंदे प्रभु की बंदगी का ना जाने कब छूट जाए साथ जिंदगी का..!!सफलता की फसल काटने के लिए मेहनत के पसीने से प्रयासों के बीजों को सींचना पड़ता है..!!
वक्त और प्यार दोनों जिंदगी में खास होते हैं वक्त किसी का नहीं होता और प्यार हर किसी से नहीं होता..!!कहने को तो बहुत सी बातें होती है पर असली सुकून चुप रहने से ही मिलता है..!!
आज के समय की यही सच्चाई है जरूरत तय करती है कि लहजा कितनी देर तक मीठा रखना है..!!जब पीड़ा और कष्टकारी बोली दोनों सहन होने लगे तो समझ लेना इंसान समझदार हो गया है..!!
मां-बाप की बातें और किताबें कभी धोखा नहीं देती..!!जिंदगी में अहमियत उसे ही दो जिसमें अहम ना हो..!!दिल साफ रखो और सबको माफ करो जिंदगी हसीन हो जाएगी..!!
अपने लफ्जों का इस्तेमाल हिफाजत से करिए यह आपके व्यवहार और परवरिश का बेहतरीन सबूत है..!!गुस्सा इतना महंगा करो कि कोई खरीद ना पाए और खुद की खुशी इतनी सस्ती करो कि सब ले जाए..!!
समय का जितना सही उपयोग करोगे मंजिल से उतना ही जल्दी मिलोगे..!हर इंसान के साथ इतनी खूबसूरती से रिश्ता निभाओ की लोग आपको खोने से डरे आप लोगों को खोने से नहीं..!
कुछ कर्म ऐसे होते हैं जिनका प्रायश्चित नहीं होता उसे कुदरत के नियमानुसार भुगतना पड़ता है..!4 दिनों के प्यार के लिए 40 साल के मां बाप को छोड़ देना बिल्कुल अनुचित है..!