हमारा उनसे मोहब्बत करना भी जरूरी था, और उनका एक धोखा भी जरूरी था, चलो इसी बहाने कम से कम दिल को, अपनी औकात का पता तो चला… जिनकी याद में हम दीवाने हो गए, वो हम ही से बेगाने हो गए...
प्यार की कदर तो तुझे तब होगा, जब तेरा प्यार तेरे सामने, किसी और का होगा… मुसाफिर कल भी था, मुसाफिर आज भी हूँ, कल अपनो की तलाश में था, आज अपनी तलाश में हूँ…
मुझे किसी ओर से नही, अपने आप से है गिला, मैं क्यों तेरी चाहत को, अपनी ज़िंदगी समझ बैठा.. कहते है मोहब्बत जितनी सच्ची हो, दर्द उतनी ही गहरी देती हैं..
मुझे किसी के बदल जाने का गम नही, बस कोई था जिसपर खुद से ज्यादा भरोसा था.. मौत भी मुझे गले लगाकर वापस चली गई, बोली तुम अभी नही मरोगे, प्यार किया है न अभी और तड़पोगे..
कभी जो कहते थे कि मेरी ज़िंदगी हो तुम, आज वो कहते हैं की एक बेवफा हो तुम, कभी जिसके लिए जीने की वजह थे हम, आज वो कहते है कि एक सजा हो तुम…
कभी मिले फुर्सत तो इतना जरूर बताना, वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे न दे सके.. तू बदनाम न हो इसलिए जी रहा हूँ मैं, वरना मरने का इरादा तो रोज होता हैं..
इतना प्यार तो खुदा ने भी नही लिखा होगा, मेरी किस्मत में जितना दर्द तूने मुझे प्यार करके दिया हैं… कभी मिले फुर्सत तो इतना जरूर बताना, वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे न दे सके..
महसूस करता हूँ उस हवाओं को, आज भी जिससे तेरी खुशबू आती है I धुंधली - धुंधली सी पड़ गई है, हर वो याद जो तुमसे जुड़ी थी, पर भुला नहीं पाया हूँ हर बात, जो तुमने कही थी I
वादा किया था की चलेंगे उम्र भर मेरी राहों में, कुछ दूर चले फिर किसी और से मिल गए राहों में, हम आज भी ढूंढा करते है उन्हें हजारों में, पूरी ज़िंदगी बिता दी हमने उनके ख्यालों में I
कभी कभी सोचता हूँ मुकद्दर के पैरों पर भी महरम लगा दूँ, थोड़ी चोट तो उसे भी आई होगी मेरे ख्याबों पर लात मार के II दिल में जो दर्द है, उसका कोई हल नहीं है !!