अहंकार उसी को होता है, जिसे बिना मेहनत के सब कुछ मिल जाता है, मेहनत से सुख प्राप्त करने वाला व्यक्ति, दूसरों की मेहनत का भी सम्मान करता है।
प्रेम से भरी हुई आंखें, श्रद्धा से झुका हुआ सिर, सहयोग करते हुए हाथ, सन्मार्ग पर चलते हुए पाँव और सत्य से जुड़ी हुई जीभ, ईश्वर की पसंदीदा चीजें है। आचार्य चाणक्य
जब जीवन के बारे में सोचो तब यह सदैव याद रखना कि, पछतावा अतीत बदल नहीं सकता, और चिंता भविष्य को सवार नहीं सकती, एकाग्रता से किया गया परिश्रम ही वास्तविक चमत्कार करता है।
जिसने हर क्षण को महोत्सव बनाया हो, जिसकी शिकायतें कम हो, और जिसने हर छोटी उपलब्धि के लिए भी ईश्वर का धन्यवाद किया हो, ऐसे व्यक्ति को दुख का आभास बहुत ही कम होता है।
बीस वर्ष की आयु में व्यक्ति का जो चेहरा रहता है, वह प्रकृति की देन है, तीस वर्ष की आयु का चेहरा जीवन के उतार-चढ़ाव की देन है, लेकिन पच्चास वर्ष की आयु का चेहरा व्यक्ति की अपनी कमाई है।
तुम समय को रोक नहीं सकते, परंतु समय को बर्बाद न करना सदैव तुम्हारे नियंत्रण में ही है।इच्छाएं मनुष्य को जीने नहीं देती, और मनुष्य इच्छाओं को कभी मरने नहीं देता।
जब आप किसी काम की शुरुआत करें, तो असफलता से मत डरें और उस काम को ना छोड़ें। जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं वो सबसे प्रसन्न होते हैं।
क्रोध में बोला एक कठोर शब्द इतना जहरीला हो सकता है कि आपकी हजार प्यारी बातों को एक मिनट में नष्ट कर सकता है।आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मों से महान होता है।
संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है, और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है।
जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए। समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं।
ये मत सोचो की प्यार और लगाव एक ही चीज है, दोनों एक दूसरे के दुश्मन हैं, ये लगाव ही है जो प्यार को खत्म कर देता है।प्रेम पीपल का बीज है, जहाँ संभावना नहीं, वहाँ भी पनप जाता है।
जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला देता है, उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्वाद कर देता है।