Mood off Shayariख्वाब वो जो सपने में देखे हैं सपने जो बंद आँखों में सोचे हैं आँखे वो जो माता पिता के चेहरे पर सफलता की उम्मीदे देखी हैं।

न जाने क्यों आज वहाँ जाने का दिल कर रहा जहाँ से कभी कोई लौट कर नही आता हैं।बात करने के लिए टाइम वक़्त और मूड की जरूरत नही हैं बस दिल मे अहमियत होनी चाहिए।

बदलते तो सभी हैं, कोई सही वक्त पर, तो कोई बुरे वक्त पर…ये कैसी दुनिया हैं, रहूँ उदास तो, कोई खबर तक नही पूछता, अगर मुस्कुरा दूँ, तो सब वजह पूछ लेते हैं।

जरूरी नही की, जीने का कोई सहारा हो, जरूरी नही की जिसके हम हो, वो भी हमारा हो।मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी जो लोग बात नही करते वो प्यार क्या करेंगे।

अजीब है मेरा अकेलापन न उदास हूँ, न खुश हूँ बस खाली हूँ और खामोश हूँ।तुम्हें न देख कर, कब तक सबर करूँ, आँखे तो बंद कर लूं, पर इस दिल का क्या करूँ।

हम अच्छे खिलाड़ी नही थे, इसलिए मात खा गए साहब, वो खेल का चाल चल रहे थे और हम रिश्ता निभा रहे थे।रोज एक नई तकलीफ, रोज एक नया गम, ना जाने कब ऐलान होगा, की मर गए हम..

देखा हैं मैंने, यह आलम इस जमाने में, बहुत जल्दी थक जाते है लोग, रिश्ते निभाने में..रूबरू होने की तो छोड़िए, लोग गुप्तगु से भी कतराने लगे हैं गुरुर ओढ़े है रिश्ते अपनी हैसियत पर वो भी इतराने लगे हैं।

तुझसे दूर हूँ, फिर भी दिल के पास हूँ, दिखता तो मैं खुश हूँ, लेकिन मन से बहुत उदास हूँ।कुछ हार गई तकदीर, कुछ टूट गए सपने, कुछ गैरो ने किया बर्बाद, कुछ भूल गए अपने।

जब अकेला बैठा होता हूँ तो उसकी बेवफाई याद आ जाती हैं। जो किये उसने झूठे वादे याद करके दिल मे दर्द और आँखों में आँशु और झूठी ही सही होठो पर हँसि आ जाती हैं।

अब शिकायते तुम से नही खुद से हैं… माना कि सारे झूठ तेरे थे लेकिन उनपर यकीन तो मेरा था।वसियत अपने नाम लिखने से कुछ नहीं होगा, ये तो आसमान तय करेगी की उड़ान किसकी होगी।