Nature Quotes भूलकर भी मत काटना किसी पेड़ को, इनमें भी बसती है जान। नहीं रहेंगे अगर पेड़, तो यह धरती हो जाएगी सुनसान।।

प्रकृति की बनाई हुई चीज़ों में सबसे अदभुत आप हैं; जितना करीब आप प्रकृति की ओर जायेंगे। उतना ही और आप उसकी तरह खिंचे चले जायेंगे।।

आएगा एक ऐसा वक्त जब सांस लेना हो जाएगा दुश्वार। अभी से लगाओ पेड़, नहीं तो जीवन हो जाएगा बेकार।। अगर अगली पीढ़ी को देनी है चैन की सांस। लगाओ अनगिनत पेड़ और संरक्षित करो पूरा जहान।।

हवा की सरसराहट, चिड़िया की चचहाहट; समुद्र का शोर। जंगलों में नाचते मोर, इनका नहीं कोई मोल; क्योंकि प्रकृति है अनमोल।। सुहाना मौसम, हवा का तराना। खुशरंग है प्रकृति का हर नजारा।।

कल रात चाँद बिलकुल आप जैसा था, वो ही ख़ूबसूरती, वो ही नूर, वो ही गुरूर, और वैसे ही आप की तरह दूर… हम फ़िज़ाओं में कहीं गुम हो गये। जब से हमें मिज़ोरम की फ़िज़ाओं की आदत हुई।।

कुछ दिन से जिन्दगी मुझे पहचानती नही, यूँ देखती हैं जैसे मुझे जानती नहीं… नसीब जिनके ऊँचे और मस्त होते हैं, इम्तिहान भी उनके जबरदस्त होते हैं…

– कुदरत ने क्या खूब रंग दिखाया है, इंसानों को प्रकृति दोहन का सबक सिखाया है, घर में कैद होने के बाद समझ आया है, कि प्रकृति को हमने कितना रुलाया है।

– प्रकृति ने ही सबको पोषित किया है, प्रकृति ने ही सबकुछ रोपित किया है, प्रकृति से बढ़कर कोई वरदान नहीं, प्रकृति से खिलवाड़ से बढ़कर कोई पाप नहीं।

हमारा पहला कर्तव्य प्रकृति की सुरक्षा, इससे बड़ा काम नहीं कोई दूजा, प्रकृति का संरक्षण फर्ज है हमारा, क्योंकि प्रकृति से ही जुड़ा है जीवन हमारा।

– पर्वत से सीखो गर्व से शीश उठाना, सागर से सीखो जी भरकर लहराना, प्रकृति नहीं सिखाती किसी को ठुकराना, इसे बस आता है सबको अपनाना।

– प्रकृति कहना चाहती है हमसे, बचा है वक्त संभल जाओ अभी से, बहुत हुआ दोहन और चली मनमर्जी, नहीं सुधरे, तो फिर दिखेगी प्रकृति की सख्ती।

प्रकृति है सबसे प्यारी, कभी सूरज की धीमी रोशनी, कभी हो जाती है धूप चिलचिलाती, कभी छा जाता है घना अंधियारा, कभी तारों की रोशनी है टिमटिमाती।

गगनचुंबी पहाड़ी, ऊंचाई की खामोशी, सूरज की रोशनी, चंदा की चांदनी, कुदरत की मदहोशी, इनका कर्ज चुका सकती है सिर्फ सरफरोशी। प्रकृति से ही है जीवन का आधार इसे बिना सबका जीवन है बेकार।

नदी मर जाएंगी, पर्वत मर जाएंगे, हवा, मिट्टी और पेड़ भी मर-मर जाएंगे, नहीं रोका तूने प्रकृति संग खिलवाड़, तो खत्म हो जाएगी जीने की आस।

पेड़ ताजी हवा देता है, मनुष्य इसे कटवा देता है, नदियां शीतल जल देती हैं, मनुष्य इसे मोड़कर प्लॉट बना देता है, प्रकृति जीवन दान देती है, मनुष्य विनाश को न्योता देता है।