प्रकृति हमारी असली माँ के समान है जो हमें कभी नुकसान नहीं पहुँचाती बल्कि हमारा पालन पोषण करती है। हमें प्रकृति का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह सुंदरता और आश्चर्य से भरा एक विशेष स्थान है। प्रकृति में सब कुछ खास है, पेड़, पौधे, नदियाँ, झरने, पहाड़, बारिश, जंगल, सूरज, चाँद और मनुष्य जो सभी प्रकृति का हिस्सा हैं। हम प्रकृति के बारे में इस पोस्ट में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं, लेकिन हम आशा करते हैं कि आपको ये Nature Quotes In Hindi में पसंद आएंगे।

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Nature Quotes In Hindi
- कुदरत का नियम है,बनता वही है।
जो सहन करने की क्षमता रखता है।। - प्रकृति की तरह ज़िन्दगी के भी मौसम होते हैं। इसलिए
प्रकृति की तरह, ज़िन्दगी के हर मौसम का आनंद उठायें।।
(Nature Quotes In Hindi) - कुदरत के नियम बड़े ही निराले हैं।
जो ज़िन्दगी के हर सार को खोलते हैं।। - आओ हम मिलकर पेड़ लगाए।
धरती को फिर से स्वर्ग बनाएं।। - हमने गर लगाए खूब सारा पेड़,काम वो हमारे ही आएगा।
सींचेंगे गर हम उसे रोजसाथ वो हमारा जीवन भर निभाएगा।। - ये नदियां, ये झरने बड़े ही खूबसूरत हैं।
कुदरत तेरा बड़ा शुक्रिया।। - जब आप प्रकृति से सच्चा प्यार करते हैं तो;
आपको दुनिया की हर जगह खूबसूरत लगेगी।
(Nature Quotes In Hindi) - ये दुनिया बहुत ही खूबसूरत है,
सिर्फ आप इसे देखने का नज़रिया बदलें। - आज सींचोगे तो कल फल जरूर मिलेगा;
ये वो रिश्ता है, जहां कभी धोखा नहीं मिलेगा। - गर करोगे पेड़ और पौधों को नष्ट;
जल्द ही खत्म हो जाएगा मानव जीवन का पूरा चक्र।
(Nature Quotes In Hindi) - ये झरने की महक, ये चहचहाती चिड़ियाँ।
खूबसूरत है दुनिया और खूबसूरत है कुदरत।। - दुनिया को खूबसूरती भरी निगाह से देखना;
अपने मन को शुद्ध करने का पहले कदम है। - मेरा मानना है कि,
दुनिया वैसी ही दिखती है;
जैसा आप उसे देखते हैं।
(Nature Quotes In Hindi) - पेड़ तो हैं मानव जीवन का आधार।
इसको तो संरक्षित करो मेरे यार।। - दुनिया वो नहीं जो दिखती है;
दुनिया तो प्रकृति के सात रंगों से ही खिलती है। - जब आप प्रकृति के करीब हो जायेंगे तो;
आप उस सुंदरता की तारीफ़ करेंगे जिससे ये बनी हैं।
(Nature Quotes In Hindi) - हर कण में जान हैं,
अगर एक छोटे से कण को शांत समुद्र में फेक दिया जाये;
तो आवाज़ बहुत तेज़ होती है। - प्रकृति से आप जितना लेने की उम्मीद करते हैं,
उससे कई गुना वो तुम्हे देने के लिए सक्षम हैं;
इसलिए प्रकृति से खुलकर मांगे।
(Nature Quotes In Hindi) - तुम्हारी गलतियां एक दिन तुम्हारा काल बनेगी।
पेड़ लगाओं और अपनी गलतियों को सुधारों।। - भूलकर भी मत काटना किसी पेड़ को, इनमें भी बसती है जान।
नहीं रहेंगे अगर पेड़, तो यह धरती हो जाएगी सुनसान।। - कुदरत को देखने का अपना नजरिया गहरा करें।
तो ये दुनिया आपको बहुत खूबसूरत लगने लगेगी।। - ये कुदरत, ये दुनिया जन्नत बन जाये।
अगर आप नफरत नहीं दिल में मोहब्बत रखते हों।। - जिस तरह से सूरज कभी उगना नहीं छोड़ता।
उसी प्रकार से आप भी अपनी सफलता का रास्ता ना छोड़ें।। - ये हंसी वादियां, ये खुशनुमा समा।
ये ठंडी हवा, ये झुका आसमां।।
(Nature Quotes In Hindi) - यहाँ खुशबू है वादियों में;
यहाँ खुशबू है लोगों के किरदारों में। - हम जितना कुदरत के बारे में जानते हैं।
उतना ही लगता है कि हमने अभी तो कुछ भी नहीं जाना।। - प्रकृति की बनाई हुई चीज़ों में सबसे अदभुत आप हैं;
जितना करीब आप प्रकृति की ओर जायेंगे।
उतना ही और आप उसकी तरह खिंचे चले जायेंगे।।
(Nature Quotes In Hindi) - कुछ तो बात है, इन हवाओं में।
वरना साथ इन्हें, पंछियों का ना मिलता।। - कितनी सादगी है, इन हवाओं में
देखो फ़िज़ाएं बरस रहीं हैं।। - जब भी कभी उदास होना तो
निकल पड़ना कुदरत को देखने।
जितनी ये खूबसूरत है आपको भी
उतना ही खूबसूरत बना देगी।।
(Nature Quotes In Hindi) - सच कहते हैं “सुकून है पहाड़ों में”
जब मनाली के पहाड़ों को देखा तो;
यकीन आ गया।। - फूल सबसे प्यारी चीज़ो में से एक है, जिसे भगवान ने बनाया
लेकिन उसमें आत्मा डालना भूल गए।।
(Nature Quotes In Hindi) - आएगा एक ऐसा वक्त जब सांस लेना हो जाएगा दुश्वार।
अभी से लगाओ पेड़, नहीं तो जीवन हो जाएगा बेकार।। - अगर अगली पीढ़ी को देनी है चैन की सांस।
लगाओ अनगिनत पेड़ और संरक्षित करो पूरा जहान।।
(Nature Quotes In Hindi)
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हरियाली शायरी इन हिंदी
- कुदरत का करिश्मा है,
देखो चारों तरफ हरियाली है।
हम इनको हैं काटते और,
यह करती हमारी रखवाली है।।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - सुहाना मौसम, हवा का तराना।
खुशरंग है प्रकृति का हर नजारा।। - हवा की सरसराहट,
चिड़िया की चचहाहट;
समुद्र का शोर।
जंगलों में नाचते मोर,
इनका नहीं कोई मोल;
क्योंकि प्रकृति है अनमोल।।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - हम फ़िज़ाओं में कहीं गुम हो गये।
जब से हमें मिज़ोरम की फ़िज़ाओं की आदत हुई।। - जैसे बर्फ पहाड़ों को ढक लेती है।
तो उसकी सुंदरता बढ़ जाती है।।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - कल रात चाँद बिलकुल आप जैसा था,
वो ही ख़ूबसूरती,
वो ही नूर,
वो ही गुरूर,
और
वैसे ही आप की तरह दूर…
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - फूलों से तुम हँसना सीखो,
भंवरों से तुम गाना,
दरखत की डाली से सीखों,
फल आये तो झुक जाना…
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - कुछ दिन से जिन्दगी मुझे पहचानती नही,
यूँ देखती हैं जैसे मुझे जानती नहीं… - मोहब्बत तो बस इक एहसास हैं,
जिस से हो जाए बस वही खास हैं… - नसीब जिनके ऊँचे और मस्त होते हैं,
इम्तिहान भी उनके जबरदस्त होते हैं… - बुझा जिसने वही है सयाना,
प्रकृति में ही छुपा है अपार खजाना। - कुदरत का करिश्मा है, देखो चारों तरफ हरियाली है,
हम इनको हैं काटते और यह करती हमारी रखवाली है। - कुदरत ने क्या खूब रंग दिखाया है,
इंसानों को प्रकृति दोहन का सबक सिखाया है,
घर में कैद होने के बाद समझ आया है,
कि प्रकृति को हमने कितना रुलाया है। - प्रकृति ने ही सबको पोषित किया है,
प्रकृति ने ही सबकुछ रोपित किया है,
प्रकृति से बढ़कर कोई वरदान नहीं,
प्रकृति से खिलवाड़ से बढ़कर कोई पाप नहीं। - हमारा पहला कर्तव्य प्रकृति की सुरक्षा,
इससे बड़ा काम नहीं कोई दूजा,
प्रकृति का संरक्षण फर्ज है हमारा,
क्योंकि प्रकृति से ही जुड़ा है जीवन हमारा।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - पर्वत से सीखो गर्व से शीश उठाना,
सागर से सीखो जी भरकर लहराना,
प्रकृति नहीं सिखाती किसी को ठुकराना,
इसे बस आता है सबको अपनाना। - सुहाना मौसम, हवा का तराना,
खुशरंग है प्रकृति का हर नजारा।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - हवा की सरसराहट,
चिड़िया की चचहाहट,
समुद्र का शोर,
जंगलों में नाचते मोर,
इनका नहीं कोई मोल,
क्योंकि प्रकृति है अनमोल।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - प्रकृति कहना चाहती है हमसे,
बचा है वक्त संभल जाओ अभी से,
बहुत हुआ दोहन और चली मनमर्जी,
नहीं सुधरे, तो फिर दिखेगी प्रकृति की सख्ती। - सौंदर्यता से प्रकृति भरी पूरी है,
इसकी रक्षा भी उतनी ही जरूरी है। - फिजा में बादल छा रहे हैं,
बारिश आने के आसार हैं,
हवा मग्न होकर नाच रही है,
प्रकृति को दिल से आभार है। - प्रकृति है सबसे प्यारी,
कभी सूरज की धीमी रोशनी,
कभी हो जाती है धूप चिलचिलाती,
कभी छा जाता है घना अंधियारा,
कभी तारों की रोशनी है टिमटिमाती।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - कभी आसमां में बादल काले,
कभी आसमां में सफेदी प्यारी,
कभी फूल हैं मुरझा जाते,
कभी खिलती है कली प्यारी-प्यारी। - ये प्यारी ओस की बूंदे,
ये खिलखिलाती सूरज की किरणें,
ये लहराते हवा के झोकें,
सब हैं प्रकृति का तोहफे। - प्रकृति तेरे हर रूप की मैं दीवानी,
तेरी धूप, तेरी छांव के बिन दुनिया अधूरी,
नदी-नहरों का बहता ये पावन पानी,
ऐसी पावन प्रकृति बिन अधूरी मनुष्य की कहानी।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - गगनचुंबी पहाड़ी,
ऊंचाई की खामोशी,
सूरज की रोशनी,
चंदा की चांदनी,
कुदरत की मदहोशी,
इनका कर्ज चुका सकती है सिर्फ सरफरोशी। - प्रकृति से ही है जीवन का आधार
इसे बिना सबका जीवन है बेकार। - नदी मर जाएंगी, पर्वत मर जाएंगे,
हवा, मिट्टी और पेड़ भी मर-मर जाएंगे,
नहीं रोका तूने प्रकृति संग खिलवाड़,
तो खत्म हो जाएगी जीने की आस।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - प्रकृति वरदान है, मत बना इसे अभिशाप,
हर किसी को दंड दे जाएंगे तेरे ये पाप,
बच्चों के लिए कहा से ला पाएगा ये शुद्ध हवा,
क्या अशुद्ध हवा में सांस ले पाएंगे बच्चे तेरे जवां,
वक्त रहते रोक दे यूं प्रदूषण और गंदगी को फैलाना,
वरना करना होगा हम सबको प्रकृति के प्रकोप का सामना।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - यह धरा, ये हवा, ये गगन, ये पवन सब हैं प्रकृति के ही फूल,
इनका एहसास ही है जीवन की खुशबू और जिंदगी का मूल। - प्रकृति अभी भी बरकरार है,
तभी तो धरती पर बहार है। - मेघ के साए में, गिरि के बाहों में,
सुकून बसता है प्रकृति तेरी ही पनाहों में। - पेड़ ताजी हवा देता है,
मनुष्य इसे कटवा देता है,
नदियां शीतल जल देती हैं,
मनुष्य इसे मोड़कर प्लॉट बना देता है,
प्रकृति जीवन दान देती है,
मनुष्य विनाश को न्योता देता है।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - क्यों सिमटा रहे हो पर्वतों को,
क्यों काटते हो वृक्षों को,
क्यों छीन रहे हो जानवरों के घर को,
क्यों बर्बाद कर रहे हो प्रकृति को। - नदियों से रास्ता तुमने छिना है,
बाढ़ लाने का न्योता तुमने ही दिया है,
नदियों को कोसने से कुछ नहीं होगा,
प्रकृति को प्रताड़ित तुमने ही किया है।
(हरियाली शायरी इन हिंदी) - पहाड़ों ने टूटकर रास्ता तोड़ दिया,
नदियों के वेग ने घर तेरा बहा दिया,
तबाही के इस मंजर ने तुझे अंदर तक दहला दिया,
ये सब तेरी करनी है, जिसका सिला प्रकृति ने दिया।

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प्रकृति पर कविता
पेड़ तू काटता जा रहा,
नदी-नालों को ढकता तू जा रहा,
फिर भी सुकून की तलाश में पहाड़ों पर तू जा रहा,
प्यारे एहसास के लिए नदियों के पास तू पहुंच रहा,
इतना अजीब व्यवहार क्यों मनुष्य तू कर रहा,
क्यों, तू आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ भी नहीं बचा रहा।
(प्रकृति पर कविता)
सुबह की ताजी हवा तुझे पसंद है,
चिड़ियों की आवाजें तुझे पसंद हैं,
मेघों का बरसना तुझे पसंद है,
तुझे प्रकृति की हर रचना पसंद है,
फिर क्यों, तू प्रकृति को नष्ट कर रहा है?
(प्रकृति पर कविता)
अचरच होती है मनुष्य का व्यवहार देखकर,
मनुष्य द्वारा प्रकृति संग हो रहा खिलवाड़ देखकर,
मन खुश होता है प्रकृति का अपार स्नेह देखकर,
दिल में सांप लोटते हैं, मनुष्य तेरा निर्लज्ज व्यवहार देखकर।
(प्रकृति पर कविता)
प्रकृति से मिलती हमें हवा,
प्रकृति से मिलती हमें दुआ,
प्रकृति से मिलता है सब कुछ,
फिर भी नहीं होती प्रकृति संग वफा।
(प्रकृति पर कविता)
प्रकृति की आभा को आंकों न कम तुम,
सूकून की नींद कहीं आएगी, तो वो इसी की छांव है।
हमने गर लगाए खूब सारा पेड़, काम वो हमारे ही आएगा,
सींचेंगे गर हम उसे रोज, साथ वो हमारा जीवन भर निभाएगा।
(प्रकृति पर कविता)
जंगल हैं, तो किसके हैं, नदी है, तो है किसकी,
ये पेड़, पहाड़ और झरने, ये सारी प्रकृति है किसकी,
इन बातों को ध्यान में रखकर उठाना अपनी कुल्हाड़ी,
वरना प्रकृति दिखाएगी ऐसा रूप, मात खा जाएंगे बड़े से बड़े खिलाड़ी।
(प्रकृति पर कविता)
प्रकृति मुफ्त में हवा बेशकीमती देती है,
सांस लेने और जिंदा रहने का आधार देती है,
लोग वेंटिलेटर के ऑक्सीजन को कीमती समझते हैं,
जिंदगी देने वाले पेड़ और प्रकृति से खिलवाड़ करते हैं।
(प्रकृति पर कविता)
प्रकृति की लीला न्यारी,
कहीं बरसता पानी, बहती नदियां,
कहीं उफनता समंद्र है,
तो कहीं शांत सरोवर है।
प्रकृति का रूप अनोखा कभी,
कभी चलती साए-साए हवा,
तो कभी मौन हो जाती,
प्रकृति की लीला न्यारी है।
कभी गगन नीला, लाल, पीला हो जाता है,
तो कभी काले-सफेद बादलों से घिर जाता है,
प्रकृति की लीला न्यारी है।
कभी सूरज रोशनी से जग रोशन करता है,
तो कभी अंधियारी रात में चाँद तारे टिम टिमाते है,
प्रकृति की लीला न्यारी है।
कभी सुखी धरा धूल उड़ती है,
तो कभी हरियाली की चादर ओढ़ लेती है,
प्रकृति की लीला न्यारी है।
कहीं सूरज एक कोने में छुपता है,
तो दूसरे कोने से निकलकर चोंका देता है,
प्रकृति की लीला न्यारी है।
(प्रकृति पर कविता)

हरी हरी खेतों में बरस रही है बूंदे,
खुशी खुशी से आया है सावन,
भर गया खुशियों से मेरा आंगन।
ऐसा लग रहा है जैसे मन की कलियां खिल गई,
ऐसा आया है बसंत,
लेकर फूलों की महक का जशन।
धूप से प्यासे मेरे तन को,
बूंदों ने भी ऐसी अंगड़ाई,
उछल कूद रहा है मेरा तन मन,
लगता है मैं हूं एक दामन।
यह संसार है कितना सुंदर,
लेकिन लोग नहीं हैं उतने अकलमंद,
यही है एक निवेदन,
मत करो प्रकृति का शोषण।
(प्रकृति पर कविता)
सूरज निकला गगन में दूर हुआ अंधियारा,
पेड़ों ने ली अंगड़ाई, ठंडी ठंडी हवा चलाई,
पक्षियों ने भी नभ में छलांग लगाई।
हरे-भरे बागानों में रंग बिरंगे फूल खिले,
फूलों ने अजब सी महक फैलाई,
तितली, भंवरों को वो खींच लाई।
रसपान कर फूलों का सबने मौज उड़ाई,
देख प्रकृति की सुंदरता को,
कोयल भी धीमे-धीमे गुनगुनाए।
रंग बदलती प्रकृति हर पल मन को भाए,
नभ में कभी बादल तो कभी नीला आसमां हो जाए,
रूप तेरा देख कर हर कोई मन मोहित हो जाए।
झील, नदियां मीठा जल पिलाएं,
पर्वत हमें ऊंचाई को छुना सिखाएं,
प्रकृति हमें सब से प्रेम करना सिखाए।
रात के अंधियारे में चांद भी अपनी कला दिखाएं,
सफेद रोशनी से प्रकृति को रोशन कर जाए,
तारे भी टिमटिमा कर नाच दिखाएं।
प्रकृति हमें रूप अनेक दिखाती,
एक दूसरे से प्रेम करना सिखाती,
यही हमें जीवन का हर रंग बतलाती।
(प्रकृति पर कविता)
है महका हुआ गुलाब
खिला हुआ कंवल है,
हर दिल मे है उमंगे
हर लब पे ग़ज़ल है,
ठंडी-शीतल बहे ब्यार
मौसम गया बदल है,
हर डाल ओढ़ा नई चादर
हर कली गई मचल है,
प्रकृति भी हर्षित हुआ जो
हुआ बसंत का आगमन है,
चूजों ने भरी उड़ान जो
गये पर नये निकल है,
है हर गाँव मे कौतूहल
हर दिल गया मचल है,
चखेंगे स्वाद नये अनाज का
पक गये जो फसल है,
त्यौहारों का है मौसम
शादियों का अब लगन है,
लिए पिया मिलन की आस
सज रही “दुल्हन” है,
है महका हुआ गुलाब
खिला हुआ कंवल है…!!
(प्रकृति पर कविता)
बागो में जब बहार आने लगे
कोयल अपना गीत सुनाने लगे
कलियों में निखार छाने लगे
भँवरे जब उन पर मंडराने लगे
मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !!
खेतो में फसल पकने लगे
खेत खलिहान लहलाने लगे
डाली पे फूल मुस्काने लगे
चारो और खुशबु फैलाने लगे
मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !!
आमो पे बौर जब आने लगे
पुष्प मधु से भर जाने लगे
भीनी भीनी सुगंध आने लगे
तितलियाँ उनपे मंडराने लगे
मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !!
सरसो पे पीले पुष्प दिखने लगे
वृक्षों में नई कोंपले खिलने लगे
प्रकृति सौंदर्य छटा बिखरने लगे
वायु भी सुहानी जब बहने लगे
मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !!
धूप जब मीठी लगने लगे
सर्दी कुछ कम लगने लगे
मौसम में बहार आने लगे
ऋतु दिल को लुभाने लगे
मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !!
चाँद भी जब खिड़की से झाकने लगे
चुनरी सितारों की झिलमिलाने लगे
योवन जब फाग गीत गुनगुनाने लगे
चेहरों पर रंग अबीर गुलाल छाने लगे
मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !!
(प्रकृति पर कविता)
काली घटा छाई है
लेकर साथ अपने यह
ढेर सारी खुशियां लायी है
ठंडी ठंडी सी हव यह
बहती कहती चली आ रही है
काली घटा छाई है
कोई आज बरसों बाद खुश हुआ
तो कोई आज खुसी से पकवान बना रहा
बच्चों की टोली यह
कभी छत तो कभी गलियों में
किलकारियां सीटी लगा रहे
काली घटा छाई है
जो गिरी धरती पर पहली बूँद
देख ईसको किसान मुस्कराया
संग जग भी झूम रहा
जब चली हवाएँ और तेज
आंधी का यह रूप ले रही
लगता ऐसा कोई क्रांति अब सुरु हो रही
छुपा जो झूट अमीरों का
कहीं गली में गढ़ा तो कहीं
बड़ी बड़ी ईमारत यूँ ड़ह रही
अंकुर जो भूमि में सोये हुए थे
महसूस इस वातावरण को
वो भी अब फूटने लगे
देख बगीचे का माली यह
खुसी से झूम रहा
और कहता काली घटा छाई है
साथ अपने यह ढेर सारी खुशियां लायी है।
(प्रकृति पर कविता)
माँ की तरह हम पर प्यार लुटाती है प्रकृति,
बिना मांगे हमें कितना कुछ देती जाती है प्रकृति…
दिन में सूरज की रोशनी देती है प्रकृति,
रात में शीतल चांदनी लती है प्रकृति…
भूमिगत जल से हमारी प्यास बुझाती है प्रकृति,
और बारिश में रिमझिम जल बरसाती है प्रकृति…
दिन-रात प्राणदायिनी हवा चलाती है प्रकृति,
मुफ्त में हमें ढ़ेरों साधन उपलब्ध करती है प्रकृति…
कहीं रेगिस्तान तो कहीं बर्फ बिछा रखे हैं इसने,
कहीं पर्वत खड़े किए तो कहीं नदी बहा रखे हैं इसने…
कहीं गहरे खाई खोदे तो कहीं बंजर जमीन बना रखे हैं इसने,
कहीं फूलों की वादियाँ बसाई त्यों कहीं हरियाली की चादर बिछाई है इसने…
मानव इसका उपयोग करे इससे इसे कोई ऐतराज नहीं,
लेकिन मानव इसकी सीमाओं को तोड़े यह इसको मंजूर नहीं…
जब-जब मानव उदंडता करता है, तब-तब चेतावनी देती है यह,
जब-जब इसकी चेतावनी नजरअंदाज की जाती है, तब-तब सजा देती है यह…
विकास की दौड़ में प्रकृति को नजरअंदाज करना बुद्धिमानी नहीं है,
क्योंकि सवाल है हमारे भविष्य का, यह कोई खेल-कहानी नहीं है…
मानव प्रकृति के अनुसार चले यही मानव के हित में है,
प्रकृति का सम्मान करें सब, यही हमारे हित में है।
(प्रकृति पर कविता)
एक बूंद ने कहा, दूसरी बूंद से,
कहाँ चली तू यूँ मंडराए?
क्या जाना तुझे दूर देश है,
बन-थन इतनी संवराए,
जरा ठहर, वो बूंद उसे देख गुर्राई,
फिर मस्ती में चल पड़ी, वो खुद पर इतराए,
एक आवारे बादल ने रोका रास्ता उसका,
कहा क्यों हो तुम इतनी बौराए?
ऐसा क्या इरादा तेरा,
जो हो इतनी घबराए?
हट जा पागल मरे रास्ते से,
बोली बूंद जरा मुस्काए,
जो न माने बात तू मेरी,
तो दूँ मैं तुझे गिराए,
चली पड़ी फिर वो फुरफुराए,
आगे टकराई वो छोटी बूंद से,
छोटी बूंद उसे देख खिलखिलाए,
कहा दीदी चली कहाँ तुम यूँ गुस्साए?
क्या हुआ झगड़ा किसी से,
जो हो तुम मुंह फुलाए?
कहा सुन छोटी बात तू मेरी,
जरा ध्यान लगाए,
मैं तो हूँ बूंद सावन की कहे जो तू,
तू लूँ खुद में समाए,
बरसे हूँ मैं खेत-खलिहानों में,
ताल-सराबर दूँ भरमाए,
वर्षा बन धरती पर बरसूँ,
प्रकृति को दूँ लुभाए,
लोग जोहे हैं राह मेरी,
क्यों हूँ मैं इतनी देर लगाए?
सुन छोटी, जाना है जल्दी मुझे,
दूँ मैं वन में मोर नचाए,
हर मन में सावन बसे हैं,
जाऊं मैं उनका हर्षाए,
हर डाली सुनी पड़ी है,
कह आऊँ कि लो झूले लगाए,
बाबा बसते कैलाश पर्वत पर,
फिर भी सब शिवालय में जल चढ़ाए,
हर तरफ खुशियाँ दिखे हैं,
दूँ मैं दुखों को हटाए,
पर तुम क्यों उदास खड़ी हो,
मेरी बातों पर गंभीरता जताए?
कहा दीदी ये सब तो ठीक है,
पर लाती तुम क्यों बाढ़ कहीं पर कहीं सूखा कहाए?
क्या आती नहीं दया थोड़ी भी,
कि लूँ मैं उन्हें बचाए?
न-न छोटी ऐसा नहीं है,
हर साल आती मैं यही बताए,
प्रकृति से न करो छेड़छाड़ तुम,
यही संदेश लोगों को सिखाए,
पर सुनते नहीं बात एक भी,
किस भाषा उन्हें समझाए?
समझ गई मैं दीदी तेरी हर भाषा,
अब न ज्यादा वक्त गंवाए,
मैं भी हूँ अब संग तुम्हारे,
चलो अपना संदेश धरती पर बरसाए,
कर लो खुद में शामिल तुम,
लो अपनी रूह बसाए,
आओ चलें दोनों धरती पर,
इक-दूजे पर इतराए।
(प्रकृति पर कविता)
आसमान की बाहों में,
प्यारा सा वो चाँद,
न जाने मुझे क्यों मेरे,
साथी सा लग रहा है,
खामोश है वो भी,
खामोश हूँ मैं भी,
सहमा है वो भी,
सहमी हूँ मैं भी,
कुछ दाग उसके सीने पर,
कुछ दाग मेरे सीने पर,
जल रहा है वो भी,
जल रही हूँ मैं भी,
कुछ बादल उसे ढंके हुए,
और कुछ मुझे भी,
सारी रात वो जागा है,
और साथ में मैं भी,
मेरे अस्तित्व में शामिल है वो,
सुख में और दुःख में भी,
फिर भी वो आसमां का चाँद है,
और मैं… जमी की हया!
(प्रकृति पर कविता)
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Nature Shayari In Hindi
- खो रहे है लफ्ज़ इस
कदर कोहरा घना है
नेचर से जुड़े रहना जिंदगी
का खूबसूरत गहना है..!
(Nature Shayari In Hindi) - भगवान ने इंसान को बनाया है
तो नेचर ने इंसानियत के
साथ जीना सिखाया है..! - इन रास्तो से गुजरने
का मजा ही कुछ और है
क्योकि यहां लोग
नही प्रकृति बोलती है..!
(Nature Shayari In Hindi) - मृदुल स्वभाव मन चंचल
सा हरियाली जग में छाए
प्रकृति प्रेम है दिखलाती
जब भाव लीन सब हो जाए..! - प्राकृतिक सौंदर्य पावन
मनभावन और निर्मल है
मुन्नार के दृश्य में अपनी
शुद्ध खो जाता मन है..!
(Nature Shayari In Hindi) - जबसे कायनात को अपना
प्रेम समर्पित किया है
तब से मेरे प्रति ये बड़ा
वफादार हो गया है..! - देखो जनाब प्रकृति का
यह सुंदर सा नजारा है
इन्ही में सपने और इन्हीं
में अपनो का नजारा है..!
(Nature Shayari In Hindi) - मत खेलो प्रकृति से
अंजाम इसका बुरा होगा
अभी तो हुए है वीरान फिर
हर घर शमशान होगा..! - झुका लूं कदम वादियो में
मशक्कत कहां आंधियों में
हवा भी रुख मोड़ ले अक्सर
इस जहान की कश्तियो में..! - हरे रंग से उत्पन्न नीला, नीले रंग से धानी;
जल है, तो वन संरक्षित, वन है, तो है पानी!
(Nature Shayari In Hindi) - रखेंगे अगर हम ख्याल उनका
तो वो भी हमारा ख्याल रखेंगे
पॉलिथीन की जगह झोला
टिसू पेपर की जगह रुमाल रखेंगे
एक पौधा लगाओ, उसको सम्भालो
य़कीनन वो पर्यावरण को सम्भाल रखेंगे!
(Nature Shayari In Hindi) - बादल से निकलकर, सोना गिरा पिघल कर;
दुल्हन सी शरमा रही, सहर शाम में ढल कर! - इन हवाओ में कुछ तो बात हे
वरना साथ इन्हे पंछीओ
का न मिलता। - गिरी के बाहो में, मेघ के साये में
सुकून बसता हे पकृति तेरी
ही पनाहो में।
(Nature Shayari In Hindi) - कोई काम करना होता हे पकृति को
तो वो किसी प्रतिभा को
जन्म दे देती हे। - सबसे अच्छी होती हे पानी
की याद्दाश
वह हमेशा वहा जाने का प्रयास
करता हे जहा वो पहले था। - निकल पड़ना कुदरत को देखने
जब भी कभी उदास हो तो
जितना ये खूबसूरत हे उतना ही
आपको खूबसूर बना देंगी। - छाए थे बादल दूर तक और कही छाया न था
इस तरह बरसाद का मौसम कभी
आया न था।
(Nature Shayari In Hindi) - नए पत्ते नहीं आते पतझड़ हुए
बिना पेड़ो पर
कठिनाई और संघर्ष सहे बिना
अच्छे दिन नहीं आते। - अपना भविष्य बचाओगे तुम बचाते हो
दो पेड़ो को तो
वहम छोड़ जूठे जीवन का सच में
कुछ कर जाओंगे। - सुंदरता दिख पाते हे यदि आप पाकृतिमे
तो निच्छित ही आप पकृति के
नजदीक हे। - हमारी माँ की तरह होता हे नेचर
ये हमे तब तक नहीं फटकारती
जब तक हम गलती नहीं करते।
(Nature Shayari In Hindi) - इस पानी को देखकर हैरत होती हे
बेशक बेरंग से
पर हर सांस लेने वाले की जिंदगी
इसी की बदौलत हे। - ईश्वर द्वारा दिए गए सबसे अनमोल
उपहारों में से एक हे
पकृति।
(Nature Shayari In Hindi) - आत्मा को सुख देता हे पकृति का प्रेम
और सुखी आत्मा इंसान को
अंदर से खुश रखता हे। - हमने पकृति के साथ गुनाह तो बहोत
बड़े किये होंगे
वरना गंगाजल की जगह शराब से
हाथ न धोने पड़ते।
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प्रकृति पर सुविचार हिंदी
- प्रकृति ईश्वर की सुंदर रचना है,
जिसे उन्होंने हमें एक अनमोल उपहार के
रूप में आशीर्वाद दिया है। - वासन्ती वन की लहर मानव, नैतिकता, पाप और पुण्य के बारे में समस्त संतो से अधिक ज्ञान करा देगी।
- प्रकृति परमात्मा की कलाकृति हैं।
- वे प्रकृति द्वारा पूर्णतः निर्मित वस्तुएं कला द्वारा टीप टाप की हुई वस्तुओं की अपेक्षा अधिक श्रेष्ठ होती हैं।
- वह ज्ञान मधुर होता है जो प्रकृति प्रदान करती हैं।
- प्रकृति में कहीं भी विकृति नहीं होता हैं।
- प्रकृति की आज्ञा पालन द्वारा द्वारा ही उस पर शासन किया जा सकता हैं।
- प्रकृति पर नियंत्रण प्राप्त करने का एक ही उपाय है, उसके नियमों का पालन किया जाए।
- अपने को प्यार करने वाले ह्रदय को प्रकृति ने कभी धोखा नहीं दिया।
- समस्त रचनात्मक कार्य प्रकृति द्वारा प्रेरित होते हैं।
- प्रकृति योग्यता का निर्माण करती है, भाग्य उसको अवसर प्रदान करता हैं।
- प्रकृति अपने नियमों का कभी उलंघन नही करती हैं।
- प्रकृति छलांगे लगाकर नहीं चलती हैं।
- जीवंत प्रकृति न कि निर्जीव कला, मेरी योजना बनाएगी और मेरे ह्रदय पर शासन करेगी।
- प्रकृति ऐसा कभी नही करती है कि वह एक समय सामान्य बात कह दे, और अन्य समय पर ज्ञान की बात कहे।
- फ्रेंकलिन द्वारा प्रकृति का संकेत समझने के पहिले कितना बार बादल गरजे, न्यूटन द्वारा संकेत ग्रहण करने के पूर्व कितनी बार सेब उसके सिर के ऊपर गिरे थे, प्रकृति सदैव हमकों संकेत देती रहती है, वह बार बार संकेत देती रहती हैं और हम यकायक संकेत ग्रहण कर लेते हैं।
- समस्त प्रकृति उत्तम हैं।
- यदि प्रकृति नही रही तो मानव का अस्तित्व भी नही रहेगा।
- प्रकृति की सभी चीजे रहस्यमय एवं अद्धभुत हैं।
- जब तक आप प्रकृति को गहराई से नही देखेगे तब तक इसे समझ नही पाएगे।
- मैं ईश्वर में यकीन करता हूँ मेरे लिए यही प्रकृति हैं।
- जल प्रकृति की अनुपम रचना है जिसमें जल सर्वाधिक शक्तिशाली हैं।
- अपना चेहरा सूर्य की रौशनी की तरफ रखिये और आपको परछाई नहीं दिखाई देगी।
- पर्वत से सीखो गर्व से शीश उठाना,
सागर से सीखो जी भरकर लहराना,
प्रकृति नहीं सिखाती किसी को ठुकराना,
इसे बस आता है सबको अपनाना। - प्रकृति को खोज कर,
आप स्वयं को खोज लेते हैं। - ”कभी संदेह न करें कि विचारशील नागरिकों का एक
छोटा समूह दुनिया को बदल सकता है।
वास्तव में, यह केवल एक चीज है जो कभी भी है।” - बचपन में हमने लगाए थे कुछ पेड़ आज उसी की छाया है,
कल हम रहें न रहें पर ये पेड़ रहेंगे यही प्रकृति की माया है। - प्रकृति सादगी से प्रसन्न होती है.
और प्रकृति बनावटी नहीं है। - “प्रकृति हममें जो सबसे अच्छी है
उससे प्यार करती है।” - प्रकृति की हर एक चीज हमारे लिए बेहतरीन शिक्षक है,
वो हमें जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाती है,
जितना हम किताबों में कभी नहीं सीख पाते। - प्रकृति सदा आत्मा के रंग धारण करती है।
- “प्रकृति हमारा दुश्मन नहीं है,
बलात्कार और विजय प्राप्त करने के लिए।
प्रकृति स्वयं है, पोषित और अन्वेषण किया जाना है।” - चलो आज एक नई प्रार्थना करते हैं,
धैर्य, त्याग, अनुशासन और समर्पण से,
अपने संस्कारों को सींचते हैं,
लोभ, मोह, स्वार्थ और द्वेष को छोड़ते हैं,
चलो हम प्रकृति से कुछ सीखते हैं। - प्रकृति, समय और धैर्य
तीन महान चिकित्सक हैं। - “प्रकृति के हर सच्चे खोजकर्ता में एक प्रकार की धार्मिक श्रद्धा होती है,
क्योंकि उसे यह कल्पना करना असंभव लगता है
कि वह सबसे पहले नाजुक विचारों से बाहर निकला है
जो उसकी धारणाओं को जोड़ता है।” - कुदरत का करिश्मा है,
देखो चारों तरफ हरियाली है,
हम इनको हैं काटते और
यह करती हमारी रखवाली है। - प्रकृति का सबसे सुंदर उपहार यह है
कि यह चारों ओर देखने और जो हम देखते हैं
उसे समझने का प्रयास करने की ख़ुशी देती है। - “मैं आपको इस सबसे आश्चर्यजनक दिन के लिए,
पेड़ों की हरी आत्माओं को छलांग लगाने के लिए,
और आकाश के नीले सपने के लिए और प्राकृतिक,
जो अनंत है, जो हां है, के लिए धन्यवाद देता हूं।” - वो इंसान दुनिया में सबसे धनवान है,
जो कम से कम में भी संतुष्ट है,
क्योंकि संतुष्टि ही प्रकृति की दौलत है। - प्रकृति कभी जल्दबाज़ी नहीं करती.
फिर भी सब कुछ पूरा हो जाता है। - “मूर्ख व्यक्ति दूर में ही सुख की तलाश करता है;
बुद्धिमान अपने पैरों के नीचे इसे बढ़ता है।”
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Nature Quotes For Instagram
- धरती गगन हवा पवन ये सब प्रकृति के फूल हैं,
इनके एहसास ही गुलों की खुशबू और गुलशन का उसूल हैं… - यह ठंडी ठंडी हवाएं चारों ओर हरियाली
छन छन बरसता पानी
इसी से है प्रकृति की सुंदर कहानी..!!
(Nature Quotes For Instagram) - निकल पड़े हो जो सफर पर
तो कुदरत के नजारों का मजा लीजिए
और इसकी सुंदरता का
धन्यवाद भी अदा कीजिए..!! - यह हसीं वादियां रंग-बिरंगे पहाड़
प्रकृति की धरोहर है
हमें इसे बनाए रखने में
सहयोग करना चाहिए..!!
(Nature Quotes For Instagram) - प्रकृति का अध्ययन करने में
अद्भुत आनंद एवं सुकून है..!! - प्रकृति भी शुरुआत करती है
एक नया आगाज करती है
पनपते कोमल पत्तों से एक नए वृक्ष
का हुंकार भरती है..!! - भूल रहे हैं हम सब प्रकृति के उपहार
प्रकृति के जिन उपकारों से
चलता है सारा संसार..!!
(Nature Quotes For Instagram) - गर्मियों में ठंडी हवा का आनंद
सर्दियों में ओस की बूंदे
बरसात में बारिश की हल्की बौछार
कितना सुंदर और शांत नजारा है
प्रकृति का..!! - बिना प्रकृति के जीवन की आशा रखना
बिल्कुल वैसा है जैसे बिना पर के
पतंगों के उड़ने की अभिलाषा..!! - गर्म सी हवा के बीच छांव की सादगी
ऐसे मिल रही है जैसे कि सुकून के पल..!!
(Nature Quotes For Instagram) - प्रकृति से मिलें है हमको शुद्ध आहार
मत करो प्रकृति
के साथ दुर्व्यवहार..!! - प्रकृति के नजारे को देखकर
हमने जाना है की जिंदगी कितनी हसीन है
हम तो बेवजह ही खुदा को कोसते थे..!! - प्रकृति से खिलवाड़ प्रलय की निशानी है..!!
- “प्रकृति एक बेहतरीन नमूना है, ख़ुदा के करिश्मे का.” (Nature Quotes For Instagram)
- “कुदरत को देखने का अपना नजरिया गहरा करें, तो ये दुनिया आपको बहुत खूबसूरत लगने लगेगी.”
- वो बाहे फैलाए खड़ी है
प्रकृति को निहारने के लिए
और सूर्य की उन हसीन
किरणो को गले लगाने के लिए..!
(Nature Quotes For Instagram) - हर तरफ धुआं धुआं सा
धूलित हर मंजर है
रुख बदले है मौसम में
भी कुछ ठंडक था पहर है..! - वक्त के साए में कभी ऐसा होता बसंत के
महीने में एक सूखे वृक्ष का तना ढका होता है..! - इस लोक डाउन ने इंसानियत
को एहसास कराया है
नेचर से छेड़छाड़ का नतीजा
मनुष्य के लिए बुरा बताया है..! - विज्ञान नेचर और संगीत का अलग ही नशा है
अपने आप में ये रब के अनमोल उपहार है..! - बारिश की बूंदे चुपके से कह रही
कितना भी ऊंचा उठ जाओ
माना तुझे जमीन पर ही है..!
(Nature Quotes For Instagram) - मुझ में खुद का आंसू देख हैरान क्यो हो तुम
ही तो कहते थे मुझे मेरा नेचर बहुत पसंद है..! - सब खामोश है कलम रुकी है जैसे
दुनिया कुदरत के आगे झुकी सी है..! - प्रकृति बदलती नही वो बदला लेती है
जब इंसान समझता नही
तो उसको समझा देती है..!
- हाथो में दिल बना रहे हो
कभी इस प्रकृति से दिल लगा के देखो
तुम्हारी जिंदगी खुशियो से भर जाएगी..! - ऑफिस की छुट्टियो में
शिमला मनाली जाते हो
खुद को नेचर लवर बतलाते हो
सेल्फी लेकर फन विद
नेचर का टेज लगाते हो..! - दीवार की उस सिली दरार में पीपल का
एक पौधा उपज आया वो मुझसे पूछता
मैं अपने घर आया या पता गलत ले आया..! - कुदरत पर कभी भी शक मत करना
अगर सजा भुगत रहे हो तो
जरूर कोई गलती हुई होगी..!
(Nature Quotes For Instagram) - धरती के दिल में एक आस जगी है
प्यार की तभी बरसात हुई है
तपन से धरती को राहत मिली है
जब अंबर से बूंद मिट्टी में मिली है..! - आओ कुछ ऐसा काम करे
पहले बदले स्वयं को फिर समाज को
ताकि संजोए रखे हम अपने पर्यावरण को..! - चांद भी कितना बेबस सा लगता है
रंगीन पलों में भी चांदनी बरसाता है
इसीलिए तो इंसानियत के लिए
प्रकृति बड़ी खूबसूरत लगती है..! - लौटा हूं वापस अपने गांव
के गलियो में लोग वही है
लेकिन मंजर बदल गया है
यहां की हवाओ में..!
(Nature Quotes For Instagram) - हम मनुष्यो को छोड़कर
और सजीव निर्जीव जानता है
इस नेचर का मूल्य चिड़िया
जानती है पेड़ का मूल्य..!
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