क्या आप जानते हैं कि एक छोटा सा मच्छर आपको बहुत बीमार कर सकता है? इसे डेंगू कहा जाता है और यह बहुत खतरनाक हो सकता है। यह मच्छर न सिर्फ हमें काटता है और खुजली करता है, बल्कि इससे लोगों की मौत भी हो सकती है। दुर्भाग्य से, अभी तक ऐसी कोई दवा नहीं है जो डेंगू को ठीक कर सके। लेकिन हम सावधान रहकर और मच्छर को अपने पास न आने देकर इसे नियंत्रित करने का प्रयास कर सकते हैं।
इस लेख में, आप जानेंगे कि डेंगू बुखार क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, इसका कारण क्या है, और अगर हमें डेंगू हो जाए तो (Dengue Ka Upchar) बेहतर महसूस करने के लिए हम घर पर कुछ सरल चीजें कर सकते हैं।
Table of Contents
डेंगू बुखार क्या है? | What is Dengue Fever in Hindi
वायरल संक्रमण के परिणामस्वरूप डेंगू बुखार होता है जो मच्छरों के द्वारा फैलाया जाता है। इसे डेन्डी और ब्रेकबोन बुखार (breakbone fever) भी कहा जाता है।

डेंगू का प्रकार | Types of Dengue
डेंगू बुखार के चार प्रमुख प्रकार होते हैं, जिनमें इनके लक्षण और प्रभाव विभिन्न होते हैं:
- डेंगू बुखार (Dengue Fever): यह प्रकार सामान्यत: बुखार, ठंडी-गर्मी, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द के साथ आता है।
- डेंगू हेमोरेजिक बुखार (Dengue Hemorrhagic Fever): इस प्रकार में रक्त की कमी होती है और बुखार के साथ खूनी उलझन भी होती है।
- डेंगू शोक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome): यह प्रकार सबसे गंभीर होता है, जिसमें रक्तचाप में गिरावट के साथ तीव्र शोक दिखाई देता है।
- डेंगू कार्डियक बुखार (Dengue Cardiac Fever): इस प्रकार में ह्रदय संबंधी समस्याएँ होती हैं, जैसे कि दिल की धडकन में असामान्यिकता।
डेंगू के लक्षण | Symptoms of Dengue
डेंगू के लक्षण व्यक्ति के रोग के प्रकार और सबसे गंभीरता पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

- बुखार और शीवरिंग
- अच्छानक उच्च बुखार
- त्वचा पर लाल चकत्ते और खुजली
- आंखों के पीछे दर्द और दृष्टि की कमी
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- शरीर में थकान और कमजोरी
- सिर दर्द
- उल्टी या मतली
- आंखों के पीछे दर्द
- गंभीर पेट दर्द
- मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव
- मल या मूत्र में रक्त
- सांस लेने में कठिनाई
- ठंडी और चिपचिपी त्वचा
- सूजन ग्रंथियां
Dengue Ka Upchar
1 पपीते का पत्ता | Papaya Leaves
आयुर्वेद में पपीते के पत्ते काफी प्रसिद्ध हैं। यह प्लेटलेट को बढ़ाने में और ब्लड क्लॉटिंग को इंप्रूव करने में सहायक होते हैं। डेंगू बुखार में आपकी प्लेटलेट काफी कम हो जाते हैं। इससे आपको काफी सारी समस्याएं आ सकती हैं। पपीते के पत्ते का जूस पीने से प्लेटलेट लेवल को बढ़ाया जा सकता है और इससे रिकवरी की प्रक्रिया में भी तेजी देखने को मिलती है।

पपीते के पत्तों को स्वस्थ और स्वादिष्ट तरीके से खाने के लिए, आप उन्हें धोकर साफ़ पानी में धोकर सुखा सकते हैं। फिर आप इन पत्तों को छोटे टुकड़ों में काटकर खा सकते हैं या फिर इन्हें जूस बनाने के लिए मिक्सर में पीस सकते हैं। इसे आप रोजाना दो बार पी सकते हैं। पपीते के पत्तों का रस पीने से आपके शरीर को ताकत मिलेगी और आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आप डेंगू के बुखार के खिलाफ रिकवरी में मदद कर सकते हैं।
2 डेंगू का घरेलू इलाज किवी फल का जूस – Kiwi juice for Dengue Fever in Hindi
डेंगू बुखार का घरेलू इलाज में किवी का जूस एक प्राकृतिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। किवी फल में विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स, और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करने में मदद करते हैं। डेंगू बुखार में किवी जूस का सेवन करने से शरीर की ताकत बढ़ती है और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को सहायता मिलती है।

किवी जूस बनाने की विधि:
- सबसे पहले एक पूरे किवी को छीलकर उसके टुकड़ों को निकाल लें।
- टुकड़ों को ब्लेंडर में डालकर इसे अच्छे से पीस लें।
- पीसे हुए किवी को एक छलन से छानकर उसका जूस अलग कर लें।
- अब इस जूस को ठंडा करके पीने के लिए तैयार है।
किवी जूस को डेंगू बुखार के समय खासतर सुबह खाली पेट पीने की सलाह दी जाती है। इससे आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है, जिससे डेंगू जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलती है।
3 डेंगू की असरदार दवा गिलोय | Giloy for Dengue Fever in Hindi
गिलोय (टिनोसपोरा कोर्डिफोलिया) एक प्राकृतिक औषधि है जिसे डेंगू बुखार के उपचार में प्रयोग किया जा सकता है। गिलोय में विशेष रूप से गिलोएटिन नामक पौष्टिक तत्व होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करते हैं और डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में मदद करते हैं।
गिलोय के फायदे:
- रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करने में मदद: गिलोय में पाए जाने वाले गिलोएटिन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करते हैं और रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।
- शरीर की ताकत बढ़ाने में सहायक: गिलोय का सेवन करने से शरीर की ताकत बढ़ती है और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को बढ़ावा मिलता है, जिससे डेंगू जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलती है।
- ज्वर को कम करने में सहायक: गिलोय का सेवन करने से ज्वर कम होता है और रोगी को आराम मिलता है।

गिलोय का सेवन कैसे करें:
- आप गिलोय बेल की डंडी ले लें, सबसे पहले डंडी के छोटे टुकड़े करें। 2 गिलास पानी मे उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो गैस बंद कर दें। अब इसके ठंडे होते ही इसे रोगी को पिलाएं। मात्र 45 मिनट के बाद बॉडी में ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ने शुरू हो जाएंगे। आपको डेंगू बुखार से लड़ने का इससे अच्छा और सस्ता इलाज कहीं नहीं मिलेगा।
- आप गिलोय की पत्तियों को सूखाकर पाउडर बना सकते हैं और इसे गरम पानी के साथ पी सकते हैं।
- गिलोय के पत्तों का रस निकालकर भी सेवन किया जा सकता है।
4 डेंगू का इलाज जौ घांस – Barley Grass for Dengue Fever in Hindi
डेंगू बुखार के इलाज में जौ की घांस (Barley Grass) का उपयोग किया जा सकता है। जौ की घांस में विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स, और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करने में मदद करते हैं और डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में सहायक होते हैं।

जौ की घांस के फायदे:
- रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करने में मदद: जौ की घांस में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करते हैं और रोगों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
- शरीर की ताकत बढ़ाने में सहायक: जौ की घांस का सेवन करने से शरीर की ताकत बढ़ती है और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को बढ़ावा मिलता है, जिससे डेंगू जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलती है।
जौ की घांस का सेवन कैसे करें:
- जौ की घांस की पाउडर आमतौर पर उपलब्ध होती है, जिसे आप पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
- आप जौ की घांस के रस को निकालकर भी सेवन कर सकते हैं।
- जौ की घांस की ताजी पत्तियों को अच्छे से धोकर खा सकते हैं।
5 तुलसी के पत्ते डेंगू से बचने का घरेलू उपाय – Dengue Fever Home Remedies In Hindi
तुलसी के पत्ते डेंगू बुखार से बचाव और इसके उपचार में एक प्रमुख घरेलू उपाय हो सकते हैं। तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सिडेंट्स और अंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं जो डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में सहायक हो सकते हैं।
तुलसी के पत्तों के फायदे:
- रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करने में मदद: तुलसी के पत्तों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स और पोषक तत्व शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान कर सकते हैं और रोगों से लड़ने में सहायक हो सकते हैं।
- वायरस के खिलाफ लड़ाई में सहायक: तुलसी के पत्तों में मौजूद अंटी-वायरल गुण डेंगू वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद कर सकते हैं।

तुलसी के पत्तों का सेवन कैसे करें:
- तुलसी के पत्ते को स्वस्थ और स्वादिष्ट तरीके से खाने के लिए, आप उन्हें धोकर साफ़ पानी में धोकर सुखा सकते हैं। फिर आप इन पत्तों को खा सकते हैं।
- तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से भी डेंगू जैसी बीमारियों से बचाव हो सकता है।
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो सकती है और आपको डेंगू बुखार जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाव मिल सकता है।
6 बकरी का दूध डेंगू बुखार के उपचार – Goat Milk for Dengue Home treatment in Hindi

डेंगू बुखार अक्सर सेलेनियम (selenium) की अभाव के कारण प्राप्त होता है और आपके शरीर की रक्त प्लेटलेटों की संख्या को कम करता है। बकरी के दूध से डेंगू के इलाज के लिए एक सरल और प्रभावशील उपाय है, क्योंकि यह सेलेनियम से परिपूर्ण होता है और रक्त प्लेटलेट गिनती को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। आपको प्रतिदिन कम से कम 1 कप बकरी के दूध का सेवन करना चाहिए। यह उपचार निश्चित रूप से आपकी सहायता करेगा, आपकी स्थिति को आरामदायक बनाने में।
7 डेंगू का रामबाण उपचार गुड़ और प्याज – Jaggery and onion for Dengue Fever in Hindi

प्याज में तापमान को कम करने वाले (एंटीपायरेटिक) गुण होते हैं। प्याज और गुड़ का मिश्रण आपके शरीर में रक्त प्लेटलेटों की संख्या को वृद्धि देने में सहायक होते हैं। इस प्रकार, आप प्याज और गुड़ के मिश्रण का उपयोग करके डेंगू का उपचार कर सकते हैं। इसके लिए आपको गुड़ का एक छोटा सा टुकड़ा और प्याज के कुछ टुकड़े को कुचलने की आवश्यकता होगी। आपको इस मिश्रण का दिन में दो बार सेवन करना चाहिए। यह आपके लिए लाभप्रद होगा।
8 डेंगू के लिए घरेलू उपचार अमरूद का रस – Guava juice for Dengue Fever in Hindi

अमरूद में टैनिन, विटामिन और खनिज उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें विटामिन सी की प्राकृतिक उच्च मात्रा से आपकी प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) को बढ़ाने में मदद की जाती है। यह आपके रक्त प्लेटलेटों की गिनती और उनकी क्षमता को वृद्धि देने के लिए भी जाना जाता है। इस प्रकार, यह डेंगू बुखार के उपचार के लिए एक अच्छा तरीका साबित हो सकता है। इसके लिए आप 1 या 2 अमरूद का रस निकाल सकते हैं या फिर एक कटोरी में कटे हुए अमरूद का सेवन कर सकते हैं। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप इसे दिन में दो बार तक सेवन कर सकते हैं।
9 विटामिन K डेंगू ट्रीटमेंट – Vitamin K for Dengue Treatment in Hindi

डेंगू हेमोरेजिक बुखार (रक्तस्रावी ज्वर) अक्सर रक्तस्राव सहित प्रकट होता है, और विटामिन K अधिकतम रक्तस्राव को रोकने के लिए आवश्यक होता है। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मछली, मांस, अंडे और अन्य अनाज आदि विटामिन K के उत्कृष्ट स्रोत होते हैं। इन आहारों का सेवन करके डेंगू हेमोरेजिक बुखार को ठीक करने में सहायक हो सकता है।
10 डेंगू उपचार में लाभकारी मेथी बीज – Fenugreek Seeds for Dengue Treatment in Hindi

मेथी के बीज में विटामिन सी, विटामिन K, फाइबर और अनेक प्रकार के खनिज अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो मेथी को डेंगू के इलाज के लिए एक अच्छा विकल्प बनाते हैं। इसमें मौजूद विटामिन प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) को सुधारने में मदद करते हैं और रक्तस्राव को नियंत्रित करते हैं। मेथी के बीज में पाए जाने वाले बुखार को कम करने वाले गुण आपके बुखार को आसानी से कम करने में सहायक हो सकते हैं।
11 हल्दी डेंगू का आयुर्वेदिक इलाज – Turmeric for Dengue

हल्दी (तुर्मेरिक) के कई औषधीय लाभ होते हैं और विभिन्न बीमारियों के इलाज में इसका उपयोग किया जाता है। इनमें से अधिकांश लाभ का कारण कर्क्यूमिन की उपस्थिति होती है। कर्क्यूमिन (कर्कुमिन) आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में सहायक होता है, जबकि इसकी एंटीवायरल गुण डेंगू के मूल कारण, वायरल संक्रमण का मुकाबला करने में मदद करते हैं। आप 1 गिलास गरम दूध में 1 चम्मच हल्दी और यदि आवश्यक हो तो शहद मिला सकते हैं। इस दूध को ठंडा होने से पहले सेवन करने से आपको डेंगू के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी।
12 नीम से करे dengu ka Upchar | Neem

नीम को काफी लाभकारी जड़ी-बूटी माना जाता है और इसमें काफी मजबूत एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह रक्त को शुद्ध करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होता है। नीम के पत्तियों को उबालकर चाय तैयार की जा सकती है या फिर इसे कैप्सूल और एक्सट्रैक्ट के रूप में सेवन किया जा सकता है। नियमित रूप से नीम का सेवन करने से डेंगू में बुखार को कम किया जा सकता है और प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को मजबूती मिल सकती है।
13 एलोवेरा से करे dengu ka Upchar | Aloevera for Dengue Fever

एलोवेरा एक मशहूर जड़ी-बूटी है जिसे इसके सुखाने और ठंडाने वाले गुणों के लिए पहचाना जाता है। यह डेंगू के लक्षणों जैसे घुटनों का दर्द, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा में खुजली आदि से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है। एलोवेरा जूस हाइड्रेशन को बढ़ावा देने और शरीर की शिकन प्रक्रिया को मजबूत करने में मदद करने के लिए पिया जा सकता है। त्वचा की चिकनाहट को कम करने के लिए इसके जेल को त्वचा पर लगाया जा सकता है।
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डेंगू से बचाव के उपाय
डेंगू से बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:

- मच्छरों के काटन से बचाव: डेंगू मच्छरों के काटन से बचाव के लिए मॉस्किटो नेट और प्रेक्शन का प्रयोग करें।
- प्राकृतिक घरेलू उपायों का उपयोग: तुलसी, पुदीना और नीम के पत्तों का उपयोग डेंगू से बचने में मदद कर सकता है।
- पानी की सफाई: डेंगू वायरस पानी में भी फैल सकता है, इसलिए बर्तनों और कूड़े को नियमित रूप से साफ करें।
- जागरूकता फैलाएं: अपने समुदाय में डेंगू से बचाव के तरीकों की जागरूकता फैलाएं ताकि लोग सुरक्षित रह सकें।
- घर को अच्छी तरह से साफ: अपने घर को अच्छी तरह से साफ और वातानुकलित (air-conditioned) रखें।
- फुल शर्ट और पैंट: फुल शर्ट और पैंट जैसे सुरक्षात्मक कपड़ों (protective clothing) को पहने ।
होम्योपैथिक मेडिसिन से डेंगू का उपचार
राजीव दीक्षित एक आयुर्वेद और होमियोपैथी विशेषज्ञ है, उन्होंने घरेलू और आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में लोगों को जागरूक किया और यह सिखाया कि हम कैसे एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। होमियोपैथी में डेंगू के इलाज के बारे में राजीव दीक्षित ने कुछ होम्योपैथिक दवाओं के बारे में बताया है।
- Arsenicum – 200
- Aconite – 200
- Belladonna – 200
- Bryonia – 200
- Dulcamara – 200
- Rhus tox – 200
ये medicines मरीज के शरीर में खून की कमी पूरी करती है। इन दवाओं को शुरू करने से पहले किसी होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह ले और ये इनके प्रयोग का तरीका जाने।
बाबा रामदेव डेंगू बुखार का रामबाण इलाज

थोड़ी सी गिलोय पीस ले और उसमें 5 से 6 तुलसी की पत्तियां मिला कर 1 गिलास पानी में उबाल कर काढ़ा बना ले और मरीज को पिलाये। इसके इलावा 2 से 3 चम्मच एलोवेरा रस पानी में मिला कर रोजाना पिए तो बहुत से बीमारियों से बचे रह सकते है। इसमे पपीते के पत्तों का रस मिला कर पीने से प्लेट्लेट जल्दी से बढ़ते है। Baba Ramdev की बतायी गयी ये दवा डेंगू, चिकनगुनिया और स्वाइन फ़्लू के उपचार में उत्तम आयुर्वेदिक उपाय है।
Frequently Asked Questions (FAQ)
Q1 डेंगू का घरेलू उपाय क्या है?
Ans: डेंगू का घरेलू उपाय:-
- अगर डेंगू का हल्का बुखार हो तो कुछ घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं। पहला उपाय है गिलोय का जूस (Giloy Juice) पीना।
- मेथी के दानों को पानी में भिगोकर इस पानी को पिया जा सकता है।
- अमरूद का जूस भी डेंगू होने पर पिया जा सकता है।
- डेंगू होने पर डॉक्टरी सलाह लें और इलाज कराएं।
Q2 डेंगू कितने दिन में ठीक हो जाता है?
Ans: डेंगू बुखार के लक्षण व्यक्ति के शरीर की इम्यून सिस्टम की स्थिति और संक्रमण के स्तर पर निर्भर करता है। आमतौर पर, डेंगू बुखार लगभग 4 से 10 दिनों तक रह सकता है।
Q3 डेंगू के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए?
Ans: डेंगू के मरीजों को मसालेदार खाने से बचना चाहिए।
जंक फूड तो नॉर्मल दिनों में भी नुकसानदायक होता है।
डेंगू के मरीजों को नॉनवेज से भी परहेज करना चाहिए।
डेंगू होने पर कॉफी जैसे कैफीन वाली ड्रिंक्स को पीने से भी बचना चाहिए।
डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को अल्कोहल का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
Q4 डेंगू बुखार का पहला संकेत क्या है?
Ans: डेंगू बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर पर दाने, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। कुछ गंभीर मामलों में रक्तस्राव और सदमा होता है, जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
Q5 क्या तुलसी प्लेटलेट्स बढ़ाती है?
Ans: गिलोय और तुलसी के पत्तों का रस पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ यह प्लेटलेट्स के स्तर को बढ़ाता है।
Q6 क्या एलोवेरा प्लेटलेट्स बढ़ाता है?
Ans: एलोविरा। एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जिसमें प्लेटलेट काउंट बढ़ाने की क्षमता भी शामिल है। इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जो सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं, जो प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद करता है। एलोवेरा का उपयोग करने के लिए एक गिलास पानी या फलों के रस में 2 बड़े चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं।
Q7 क्या हल्दी से प्लेटलेट काउंट बढ़ता है?
Ans: प्रकंद पौधा हल्दी, जिसे अक्सर मसाले और रंग सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है, एक बायोएक्टिव यौगिक करक्यूमिन पैदा करता है। करक्यूमिन प्लेटलेट सक्रियण और एकत्रीकरण को रोकता है और प्लेटलेट गिनती में सुधार करता है ।
अस्वीकरण: इस आर्टिकल में शामिल जानकारी Dengue Ka Upchar केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसका उद्देश्य किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। अद्वितीय व्यक्तिगत आवश्यकताओं के कारण, पाठक को पाठक की स्थिति के लिए जानकारी की उपयुक्तता निर्धारित करने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।