निश्चित नींद की प्यास: डिप्रेशन के लक्षणों में से एक यह है कि आप निद्रा की खातिर दिन भर नींद से भरपूर हो सकते हैं, लेकिन रात में नींद नहीं आती है।
अचानक वजन कमी: कुछ लोगों में डिप्रेशन के दौरान वजन कम होने का लक्षण दिखाई देता है, जबकि कुछ लोग डिप्रेशन के कारण वजन बढ़ा सकते हैं।
विचारों की दशा के बदलाव: डिप्रेशन के दौरान, विचारों की गति और दिशा में अनियमितता देखी जा सकती है, जैसे कि एक व्यक्ति आवेगपूर्ण हो सकता है या फिर उसे बहुत ठंडी और उदास बना सकता है।
संक्षिप्त याददाश्त: डिप्रेशन के कुछ मामलों में, लोगों की याददाश्त में कमी भी देखी जा सकती है। वे बातें भूल सकते हैं जो पहले याद रख पाते थे।
अकेलापन की भावना: डिप्रेशन आपको अकेलापन की भावना महसूस करा सकता है, जहां आपको लगता है कि आप इस दुनिया में अकेला हैं और कोई आपको समझने वाला नहीं है।
भूकम्प की तुलना: कई लोग डिप्रेशन को भूकम्प की तुलना में व्यक्त करते हैं, जहां वे आने वाली आपदा की भयंकरता के बारे में चिंतित होते हैं, जो अनुमानित है लेकिन अस्थायी हो सकती है।
खुशहाल दिखना: कई बार डिप्रेशन के पीड़ित व्यक्ति अपने आप को बाहरी दुनिया को खुशहाल और समर्पित दिखाने का प्रयास करते हैं, जबकि उनके अंदर आंसू और उदासी छिपी होती है।
शारीरिक दर्द: डिप्रेशन के कुछ लोगों में, शारीरिक दर्द की शिकायतें देखी जा सकती हैं, जैसे कि सिरदर्द, पेट में दर्द, मांसपेशियों में तनाव आदि।
संगीत और कला में रुचि: कुछ डिप्रेशन के मरीजों को संगीत और कला की ओर अधिक रुचि होती है। इसे एक उपचार के रूप में उपयोग किया जा सकता है जो उन्हें सकारात्मक महसूस कराता है।
समय के गुजरने का अहसास: डिप्रेशन के पीड़ित व्यक्ति को समय का अहसास काफी अद्भुत तरीके से होता है। वे लगते हैं जैसे कि समय धीमा चल रहा है और एक साधारण क्षण भी अविच्छिन्न हो सकता है।
पारिवारिक असामान्यताएं: डिप्रेशन के लक्षणों में पारिवारिक संबंधों में असामान्यताएं देखी जा सकती हैं, जैसे कि अपने परिवार से अलग महसूस होना या अवसादपूर्ण बातचीत के कारण ज़ख्मी होना।
भारी शरीरिक थकान: डिप्रेशन के पीड़ित व्यक्ति अक्सर भारी शरीरिक थकान महसूस करते हैं, जहां उन्हें छोटी-छोटी क्रियाओं के लिए भी अधिक प्रयास करना पड़ता है।
अपमान की भावना: कुछ लोगों को डिप्रेशन के दौरान अपमान की भावना हो सकती है, जहां वे अपने आप को निचला और अयोग्य महसूस करते हैं।
सत्यापन की क्षमता का कमी: डिप्रेशन के दौरान, लोगों की सत्यापन की क्षमता में कमी देखी जा सकती है। वे अपने आप को और अपनी क्षमताओं को घटिया समझ सकते हैं।
छिपे हुए खतरों का महसूस करना: डिप्रेशन के पीड़ित व्यक्ति को अक्सर छिपे हुए खतरों का महसूस होता है, जैसे कि उन्हें लगता है कि उनका जीवन खतरे में है या कोई आपत्ति हो सकती है।